Hi Friends! My self Pranay Kant Charu.
Type: Poetry | Author: Pranay Kant Charu
प्यार की तड़प और दिल के अरमान
अपने दिल की सदा को कैसे,
तुम तक मैं पहुंचाऊं,
प्यार हमे था बरसो से ये कैसे,
तुम्हे दिखाऊं।
रात जो बीती काली से काली,
सारे सवेरे थे मेरे खाली,
तनहाई जो दूर तलक थी,
खामोशी की थी छाई लाली।
सिर पटकते थे रातों में,
बहुत तड़पते थे बातों में,
तुम्हे पता तो कुछ भी नहीं है,
हमें मिली जो सजा यही है।
Published: about 3 months ago
Keywords: love, pain, poetry
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मेरी बकवास: शायरी जो एक पहेली है, जवाब जो एक उम्मीद। |
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